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स्वच्छ हवा में सांस लेना नागरिकों का मौलिक अधिकार है।

संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वच्छ हवा में सांस लेना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। इसके लिए साफ वातावरण मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। संविधान के साथ सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) और एनजीटी (National Green Tribunal) ने भी स्वच्छ हवा को मौलिक अधिकार बताया है।

यदि आप प्रदूषण से पीडि़त है तो एनजीटी एक्ट (NGT Act) की धारा 15 के तहत मुआवजे के हकदार है। आपके आसपास ऐसी गतिविधियां हो रही है जो प्रदूषण की वजह है तो आप उसके खिलाफ एनजीटी में याजिका दाखिल कर सकते है। साथ ही पुलिस, एसडीएम, जिलाधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण समिति में भी शिकायत कर सकते है।

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