खंडवा (म.प्र.)। पति-पत्नी के साथ घर में ही रहेगी लिव इन रिलेशनशिप पार्टनर भी रहेगी, उसे पार्टनर के मकान खेत, जमीन में से आधा हिस्सा भी मिलेगा। यह फैसला शनिवार को खंडवा में हुई नेशनल लोक अदालत में हुआ। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता देने की पहल को ध्यान में रखते हुए न्यायलय ने समझौते के आधार पर मकान, खेत और पति को भी दोनों के बीच बराबर के हक के साथ बांट दिया।
मांधाता निवासी बसंत माहूलाल करीब 10 साल से अपनी पत्नी राजकुमारी के अलावा दूसरी महिला से लिव इन रिलेशनशिप में है। पति मे महिला को घर में ही रख लिया था। पत्नी ने इसकी शिकायत की थी। मामला परिवार परामर्श में फेल हुआ। कोर्ट में आने पर ग्राम न्यायधिकारी गंगाचरण दुबे ने इसकी जांच कराई। रिपोर्ट में घरेलू हिंसा होना पाया। तब पति और लिव इन रिलेशनशिप के तहत रह रही महिला को नोटिस जारी हुआ, महिला के पति ने कोर्ट में कहा कि लिव इन रिलेशनशिप कोर्ट की नजर में पाप नही है इसलिए हमारी शर्तो पर भी ध्यान दिया जाए। एसीजेएम व ग्राम न्यायधिकारी गंगाचरण दुबे ने तीनों पक्षों की आपसी सहमति के बाद समझौता कराया।
समझौते के तहत:- पति दोनों के साथ 15-15 दिन रहेगा, बीच के कमरे में पति रहेगा, दो अलग-अलग कमरों में पत्नी और लिव इन रिलेशनशिप वाली महिला रहेगीं। दोनों के बीच कमरे के बटवारें को लेकर भी पहले असहमति बनी थी क्योकिं विवाहिता पत्नी ने कहा कि मै वामा हूं इसलिए पति के दाएं कमरे में रहूंगी, हिन्दू नारी बांए बैठती है। तीनों के नाम जमीन का बटवारा भी हुआ, जिसके तहत ढाई एकड़ में से 1.25 एकड़ जमीन पत्नी को देनी होगी। जबकि शेष हिस्सा पति रखेगा इसमें तीनों का ही शेयर रहेगा और जमीन बेची नही जाएगी।
Reference: दैनिक भास्कर, 2 दिसंबर 2013, पेज 01