उज्जैन। पुलिस एनकाउंटर में साढ़े तीन साल पहले नीमच में मृत घोषित तस्कर बंशी गुर्जर मंगलवार को उसके एक साथी के साथ पकड़ा गया। आईजी उपेंद्र जैन ने बताया कि बंशी ने सजा से बचने के लिए स्वंय को मृत दर्शाया था। फरारी में अवैध धंधो से करोड़ों रुपए कमाने के बाद तांत्रिक क्रिया के लिए वह उज्जैन आया था।
नीमच जिले के नलवा निवासी बंशी गुर्जर (32) पुत्र रामलाल गुर्जर पर वर्ष 2009 तक 9 गंभीर प्रकरण थे। ज्यादती के मामले में 10 वर्ष की सजा होने पर वह हिरासत से फरार हो गया। बाद में ग्राम सुंडी में जोधपुर पुलिस पर हमला कर बदमाश रतनलाल मीणा को भगाया तो पुलिस ने उस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया। इसी दौरान 8 फरवरी 2009 को रामपुरा के पास बैसला घाटे पर एनकाउंटर में एक युवक के मरने पर पुलिस ने बंशी के मरने की घोषणा कर उसकी फाइल बंद कर दी और वारंट निकलने पर कोर्ट में भी मृत्यु प्रमाण पत्र लगा दिया। हाल ही में उसके जिंदा होने का पता चलने पर आईजी उपेंद्र जैन ने फिर बंशी पर 15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। तस्करी में जोधपुर में सजा के दौरान फरार हुए घनश्याम धाकड को भी नीमच पुलिस ने 10 मार्च 2011 को मृत घोषित किया था। 24 अक्टूबर 2012 को पकडने पर धाकड ने कबूला था कि बंशी भी जिंदा है। बंशी ने एक युवक की हत्या कर उसे हादसे में मृत दर्शाया, इनाम घोषित होने पर बंशी ने स्वंय भी एनकाउंटर में मरा दर्शाने की योजना बनाई थी।
Reference: दैनिक भास्कर 21 नवंबर 2012, पेज 07