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आरजू मर्डर केस (दिल्ली)

2 फरवरी 2016 की सुबह साढ़े आठ बजे आरजू [21] कॉलेज गई थी। कुछ दिनों पहले ही किंग्सेव कैंप स्थित एक इंस्टीट्यूट में उसने एडमिशन लिया था, उसकी एनीमेशन में हॉबी थी। चार बजे तक जब वह वापस नहीं आई तो परिवार वालों ने उससे कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की। लेकिन उसका फोन बंद आ रहा था। परिवार वालों ने रिश्तेदार और दोस्तों से आरजू के बारे में पूछताछ की। कोई सुराग नहीं मिलने पर रात 11 बजे मॉडल टाउन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आरजू सिंह मॉडल टाउन इलाके के राजपुर गांव गुड़मंडी में 79/ए ब्लॉक में रहती थीं। उनके घर में पिता संजीव कुमार, मां कविता, बहन पायल और 12 साल के छोटे भाई कृष्ण हैं।

अगले दिन परिवार वाले कॉलेज गए और आरजू की फ्रेंड से उनके बारे में पूछताछ की, उनसे पता चला कि 2 फरवरी की शाम को आरजू को उसका बॉयफ्रेंड नवीन खत्री कॉलेज से ले गया था। परिवार वाले नवीन के घर पहुंचे, नवीन की फैमिली ने उसके शादी में बिजी होने और आरजू के बारे में किसी तरह की जानकारी न होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। 5 फरवरी को बिंदापुर में नवीन की शादी हो गई। 6 फरवरी को पुलिस ने शक के आधार पर नवीन को थाने में बुलाकर कई घंटे पूछताछ की। पुलिस की पुछताछ में उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। नवीन ने पुलिस को बताया कि आरजू के साथ उसका कई साल से अफेयर था, वह उस पर शादी के लिए दवाब बना रही थी। नवीन की फैमिली इस शादी के खिलाफ थी। परिवार वाले उसकी दूसरी जगह शादी तय कर चुके थे।

2 फरवरी को कॉलेज के बाहर से अपनी कार स्विफ्ट डिजायर में बिठाकर बातचीत के बहाने साथ ले गया। आईजीआई के पास नांगल देवत के जंगलों में दुपट्टे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने गुरुवार को एक डमी बॉडी का सहारा लिया। करीब 57 किलो की डमी को पुलिस अपने साथ लेकर नवीन के घर पहुंची। उसे डमी बॉडी की तरह पूरे क्राइम सीन में यूज किया गया। जिसके जरिए आरोपी नवीन के दावों की असलियत का पता लगाया गया।

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