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एक था मुख्तार अंसारी।

28 मार्च 2024 गुरुवार की शाम बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) (61) को हार्ट अटैक आने पर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। करीब तीन घंटे इलाज के बाद उसकी मौत की अधिकृत घोषणा मेडिकल बुलेटिन में की गई।

शुक्रवार को पांच ड़ॉक्टरो के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम किया। शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच यूसुफपुर स्थित पैतृक आवास के पास कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शामिल नही हो सका। अब्बास आपराधिक मामलों मे कासगंज की जेल में निरुद्ध है, उसने हाईकोर्ट में जनाजे में शामिल होने के लिए अनुमति देने की अपील की थी लेकिन सुनवाई नही हो सकी। मुख्तार अंसारी को 7 अप्रैल 2021 को बुलेटप्रुफ जैकेट पहनाकर पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल लाया गया था।

मुख्तार अंसारी का खौफ पूर्वाचल से लेकर लखनऊ और रेलवे के टेंडर, बीमा कंम्पनियों, विवादित जमीनों का कब्जा से लेकर वसूली तक था। भाजपा के कृष्णा नंद राय हत्याकांड में भी मुख्तार का नाम आया था। मुख्तार अंसारी 1996 में पहली बार मऊ से विधायक बना। फिर 2017 तक लगातार विधायक रहा। मुख्तार को गैगेस्टर, हत्या आदि के मामलों में अदालत से सजा सुनाई जा चुकी थी।

मुख्तार अंसारी के दाहिना हाथ की 8 जुलाई 2018 बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी। और 2023 में पुराना हाईकोर्ट परिसर में मुख्तार के बेहद करीबी शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कर दी गई थी जिससे उसकी नींद ही उड़ गई थी।

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