इस बार Face to Face में हमारे मेहमान है मीड़िया जगत की वो मशहूर हस्ती, जो किसी परिचय की मौहताज नही जिन्होने देश के पहले का्इम शो की Editing कर मीड़िया की खबरों को एक नया आयाम दिया, श्री मंगेश बापट, उनसे की गयी बातचीत के कुछ अंश-
प्रश्न:- मंगेश जी आप अपने बारे में बताइये?
उत्तर :- मै महाराष्ट्र से हूँ, पर मेरी पैदाइश लखनऊ की है और मैं यही पर पला-पढ़ा हूँ। मैने मेरठ यूनीवर्सिटी से 1988 में ग्रेजुएशन किया है, और फिर पोस्ट ग्रेजुएट इन कम्पयूटर ऐपलिकेशन करने के बाद, अपने कैरियर की शुरुआत एक कंम्पयूटर कम्पनी से की।
प्रश्न:- मी़ड़िया में आने की प्रेरणा कहां से मिली?
उत्तर:- ये उस समय की बात है 1985-86 की, गर्मियों की छुट्टियों में हम लोग दूरदर्शन जाया करते थे शौकिया, प्रोग्राम में हिस्सा लेने, तो उस दौरान उन्होने मुझे एक दो छोटे-छोटे प्रोग्राम दिये थें जिसमें मैने एज ए एंकर और एनाउनंसर काम किया। उस दौरान जो शौकिया काम हमने किया था, तो मुझे यह लगा कि यह फील्ड़ बड़ा अच्छा है चूंकि इसमे कम लोग जाते थे और मै कंम्पयूटर फील्ड़ से था लेकिन जब मुझे चांस मिला तो मैने इसी को अपना प्रोफेशन बना लिया। इसके बाद मैने एक Production House को जोइन कर लिया और वहां काम करते हुए सब कुछ सीखा।
प्रश्न:- आप अपने समय की क्राइम की स्टोरियों के बारे मे कुछ बताइये?
उत्तर:- देखियें अगर मै 1990-91 की बात करु तो उस समय एक दूरदर्शन ही था और क्राईम के As such कोई dedicated show नही हुआ करते थे। दूरदर्शन की ऐसी नीतियां थी कि वो क्राईम जैसे सब्जेक्ट को Glorify नही करना चाहते थे। हमारे एक मित्र थे सुहेल इलयासी, उन्होने वहां कुछ विदेशी चैनलों पर कुछ क्राइम शो देखें थे, तो उन्होने मुझे बुलाया और एक क्राइम शो कि वीडि़यो कैसट दिखाई जो एक क्राइम शो की थी, और कहा कि कुछ इस तरह का शो हम India में करना चाहते है, तो मुझे उसमे कुछ इंन्ट्रेस्ट लगा क्योकि उसमें re-construction था और कुछ हिस्सों को एनेक्ट करना था, तो मै उस टीम का हिस्सा बन गया। और भारत के पहले हाफ एन आवर क्राइम शो “India Most Wanted” के नाम से बनाया जो कि जीटीबी पर प्रसारित किया गया।
प्रश्न:- आप अपने Professional Carrier के बारे कुछ बताइयें?
उत्तर:- मैं लगभग 13 चैनलो से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से जुड़ा रहा। सबसे पहले मैं दूरदर्शन से जुड़ा फिर जीटीबी, टीबी टुड़े, स्टार न्यूज, एनडीटीवी और अब नेटवर्क 18 से जुड़ा हूँ। इस तरह मैं भारत के हर बड़े चैनल और प्रोड़ेक्शन हाउस से किसी न किसी रुप में जुड़ा रहा।
प्रश्न- क्या IPC और CRPC में बदलाव की जरुरत है?
उत्तर- मेरा यह मानना है कि जब भी कोई नियम कानून बनायें जाते है तो वे उस समय की समाज व्यवस्था और उसकी आवश्यकता को ध्यान में रखकर बनाये जाते है, और एक लम्बे समय के बाद या तो उनकी आवश्यकता रह नही जाती या फिर बदलाव की जरुरत होती है, तो उनको रिव्यू करना जरुरी है, और एक ऐसा सिस्टम जरुर होना चाहियें जो एक निश्चित इंटरवल के बाद एक कमेटी उस सिस्टम को रिव्यू करे और रिव्यू करने के बाद सजेशन दें और जहां बदलाव की जरुर हो बदलाव सुनिश्चित करें।
प्रश्न- समाज में दिन प्रतिदिन बढ. रहे क्राइम के बारे में आप क्या कहेगें?
उत्तर- मैं ये समझता हूँ कि कोई भी व्यक्ति क्राइम के रास्ते पर तभी जाता है जब कोई और रास्ता न बचा हो। और उसके पीछे क्या सामाजिक स्थिति है उसका विश्लेषण जरुरी है और मेरा ये मानना है कि इसमें बहुत हद तक बेरोजगारी एक बड़ा कारण है क्योंकि जिसके पास काम होगा वे क्राइम क्यों करेगा, परन्तु मेरा मतलब ऐसा नही है जिनके पास काम है वो क्राइम नही करते, लोग वर्क पैलेस पर भी क्राइम करते है, इसके कई दूसरे कारण हो सके है जैसे एक तो बेरोजगारी और दूसरा घर परिवार में मिलने वाले संस्कार है। आज जोइंट फैमिली तो है नही जो बच्चें को दादा-दादी या नाना-नानी से कुछ सीखने को मिलता। इसलिए बच्चो को अच्छे संस्कार और सही मार्गदर्शन की जरुरत है जिससे उन्हे सही-गलत की पहचान हो सके।